जोक पहले रजाई गद्दों में भरने बाली रुई को धुनने की मशीने नहीं होती थी एक उपकरण होता था धनुष बाण जैसा /रुई धुनने वाला जंगल से जा रहा था /अचानक झाडी में से निकलते हुए लड़ैया से सामना हो गया [[मैं स्पष्ट करदूं यह एक जानवर होता है लोमडी होती है न उसे सब जानते है ++अंगूर खट्टे के कारण ++ तो जो पुरूष लोमडी होती है (शीमेल नहीं ) मतलब और स्पष्ट करदूं लोमडी का पति उसको लड़ैया कहते है / हाँ तो जब रुई वाले से सामना हुआ तो लड़ैया ने सोचा अब ये मारेगा तो तुंरत बोला "" कांधे धनुष हाथ में वाना ,कहाँ चले दिल्ली सुल्ताना "" रुई वाला सुन कर कुप्पे सा फूल गया और बोला "" बन के राज बेर का खाना -बडे की हस्ती बडे ही पहिचाना / आगे बढ़ गया /जब लड़ैया ने देखा कि अब में इसकी मार से बाहर हूँ तो आवाज़ दी - अवे ओ /रुई वाले ने पीछे मुड़ कर देखा ,तो लड़ैया उसकी माँ बहिन से नाजायज रिश्ते की गाली देकर भाग गया /
संदेश :_ गोस्वामी जी ने कहा है ""सुर नर मुनि सब की यह रीती ,स्वारथ लाग करें सब प्रीती ""जीवन में बहुत ऐसे मौके आते हैं कि लोग झूंठी तारीफ करके हमें ठग लेते हैं /मंत्रियों के पास कितनी भीड़ रहती है लेकिन पद छिनते ही आस पास आठ दस लोग रह जाते है /मंत्री जी के मित्र ने कहा मुझे आपसे काम है -मंत्री जी ने कहा अपन फुर्सत में बात करेंगे /मित्र ने कहा जब आपको फुर्सत होगी तब आप मेरा काम करने लायक ही नहीं रहोगे /पत्नी पहली तरीख को स्नेह प्रर्दशित करे तो ठीक /मगर २५ को करे तो सतर्क हो ज़ाना दाल में कुछ काला जरूर है /बाप चिट्ठी लिख लिख पर परेशान था बेटा जवाब ही नहीं देता था /बेटे का हेंडराइटिंग देखने बाप तरस गया =बाप ने पत्र भेजा बेटा १५ हजार का चेक भेज रहा हूँ बहू को कुछ रकम मेरी तरफ से बनवा देना / पत्र के साथ चेक संलग्न नहीं किया /चार दिन बाद ही बेटे का पत्र आगया / प्रभुता पाहि काही मद नाही सही है मगर प्रभुता आए ही न और मद आजाये गड़बड़ हो जाएगा /कोई आपकी तारीफ कर रहा है तो सोचो ये तारीफ क्यों कर रहा है और अगर झूंठी कर रहा हो तो जरूर जरूर सोचो /कोई आपकी कविता पर लिखदे ""गंभीर रचना ""अरे भइया क्या गंभीर / कोई लिखदे बहुत सुंदर पूछो कौन हम ,तुम या कविता और तीनों में कोई भी सुंदर है तो क्यों ?
Wednesday, October 15, 2008
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2 comments:
very nice shreevastav jee bahut hindi main comment de diye aa angrezee main hee sahee
बहुत सुंदर + गंभीर रचना!
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