बृजमोहन श्रीवास्तव जी - अधिक संख्या में ब्लॉग रखने का बहुत लाभ नहीं है। वह तभी ठीक है, जब आपके पाठक सभी को अलग अलग प्रकार से आइडेण्टीफाई करते हों। रही बात लिंक करने की तो आप पोस्ट का लिंक सीधे कट पेस्ट कर दे सकें तो भी चलेगा। जैसे आपके शारदा ब्लॉग पर पोस्ट है: http://brijmohanshrivastava-sharda.blogspot.com/2008/10/blog-post_28.html
में बिधि स्नातक -८९ से २००० तक समय समय पर नई दुनिया इंदोर के अध बीच कालम में हास्य व्यंग्य लिखता रहा= एक पुस्तक राम कृस्न प्रकाशन विदिशा ने ९६ में छापी -"दुखडा कासे कहूँ" -एक पुस्तक " कुछ कुछ नहीं बहुत कुछ होता है" प्रेस में पडी है लेखकों से जुड़ना चाहता हूँ पहले में अखवारों में व्यंग्य लिखता था ,वे छापते थे मैं लिखता था ,मैं लिखता था वे छापते थे ,उन्होंने छापना बंद कर दिया मैंने लिखना बंद कर दिया और यहाँ पर आगयामेरा पता है १२१ बोहरा बागीचा गुना मध्य प्रदेश तथा मेरा मोबाइल नम्बर है 9406979644
2 comments:
कहां जाना है? आपने लिंक तो दिया नहीं!
बृजमोहन श्रीवास्तव जी - अधिक संख्या में ब्लॉग रखने का बहुत लाभ नहीं है। वह तभी ठीक है, जब आपके पाठक सभी को अलग अलग प्रकार से आइडेण्टीफाई करते हों। रही बात लिंक करने की तो आप पोस्ट का लिंक सीधे कट पेस्ट कर दे सकें तो भी चलेगा। जैसे आपके शारदा ब्लॉग पर पोस्ट है:
http://brijmohanshrivastava-sharda.blogspot.com/2008/10/blog-post_28.html
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