Friday, October 3, 2008

जोक या संदेश (१)

जोक =एक रेलवे के गार्ड का क्वाटर स्टेशन से तीन किलो मीटर दूर था और सुबह चार बजे जाना पड़ता था / एक दिन वह एक किलोमीटर ही पहुचा होगा कि उसे महसूस हुआ,कि कुछ ठण्ड है ,वापस लौटा और नीचे से आवाज़ दी ,जरा मेरा ओवर कोट फेंक देना , खिड़की से कोट फिका ये पहन कर स्टेशन चले जारहे थे और कोट देख देख कर सोचते जारहे थे कि यार मैंने पुलिस में नौकरी कव की थी /
संदेश = घर से निकलो तो पहले जरूरी सामान जैसे पर्स ,ऑफिस की चाभियाँ , ऑफिस की कोई फाइल घर काम करने लाये हों तो , और ख़ास तौर पर ओवरकोट

3 comments:

Dileepraaj Nagpal said...

Shukriya.

प्रदीप मानोरिया said...

बृजमोहन जी लाजबाब चिंतन बधाई मेने आपका ब्लॉग मेरी सूची में शामिल कर लिया है आप चाहे तो मेरा ब्लॉग आप भी अपनी सूची में शामिल कर सकते हैं फिलहाल आपका मेरी नईई पोस्ट "१२३ परमाणु करार " पढ़ने सदर आमंत्रित है

अमित माथुर said...

नमस्कार श्रीवास्तव जी, वास्तव में इस ब्लॉग दुनिया में दूसरे ब्लोगेर्स के साथ जुड़ना बहुत मुश्किल है. ऑरकुट जैसी कोई व्यवस्था यहाँ होनी चाहिए थी. खैर, आपकी सभी पोस्टिंग्स बेहतरीन हैं. उम्मीद है आप ब्लोगेर्स भाइयो से जुड़ने के लिए http://ashokchakradhar.blogspot.com और मेरे ब्लॉग http://vicharokatrafficjam.blogspot.com पर कमेन्ट और अपने ब्लॉग का url ज़रूर देंगे. -अमित माथुर