जोक बेरोजगार ,नौकरी नहीं ,कोई काम नहीं .भूखों मरने की नौबत आई -बुभुक्षतं किम न करोति पापं _उसने एक पिक्चर देखी =भंगारी दादा को चाहिए था गुंडा दामाद तो उसकी लडकी ,गोविंदा को जानी लीवर के पास गुंडा बनने की ट्रेनिंग दिलवाती है ==तो इस बेरोजगार ने चोरी करने की ट्रेनिंग लेनी चाही उसे बताया गया कि आधी रात के बाद जाना ,दबे पांव जाना और कोई चीज़ टक्कर से गिर जाए तो बिल्ली की बोली बोलना म्याऊँ "" दबे पांव गया स्टूल से टकराया गुलदस्ता गिरा मालिक उठा चिल्लाया ""कौन? चोर घबरागया -समझ में ही न आया क्या बोलूँ मालिक चिल्लाया कौन== चोर घबराकर बोला ""मैं हूँ बिल्ली "" मालिक ने कहा तो ठीक है मैं समझा कोई चोर तो नहीं है और सो गया चोर भाग आया /
संदेश = जब तक चोरी करने का पूरा अभ्यास न हो जावे तब चोरी न करे / तक किसी बात का पूरा प्रशिक्षण प्राप्त न करलो उस काम को मत करो :किसी गावं जाना है तो उसकी पूरी जानकारी सड़क बगेरा की लेले रेल ,गाडी से जाना है तो पूरी जानकारी लेले कि कहा से बदलना है ,कौन की गाडी कब मिलेगी/कालेज में एडमीशन लेना हो तो रेगिंग की वावत पूरी जानकारी लेले /पत्नी की सहेलियों की पूरी जानकारी मय टेलीफोन नम्बर के रखे /दफ्तर में कोई काम करबाना हो तो पूरी जानकारी रखे कि कौन काम करेगा -कितना लेगा ,किसके थ्रू लेगा नहीं तो किसी को देदो और जिससे काम होना है उसके पास पहुच ही न पाये और काम हो न पाये पैसे भी चले जाएँ
Tuesday, October 7, 2008
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4 comments:
आपकी "सोच-विचार शक्ति" प्रभावशाली है, जोक भी / सन्देश भी ...... प्रसंशनीय है।
सुंदर जोक साथ में अच्छा संदेश मज़ा आ गया
मेरी नई पोस्ट पढ़े कांग्रसी दोहे
Aapka blog kafi acha laga, sath hi profile mein likhe shabdon ne bhi prabhavit kiya. Swagat hai blog parivar aur mere blog par bhi.
apka blog aaj hi dekha. mujhe apke saare blog achhe lage.....
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