Wednesday, October 8, 2008

जोक या संदेश (४)

जोक आत्मा की शान्ति को दो मिनट का मौन धारण करना तथा स्वर्गवासी के गुणों वावत दो शब्द कहना यह मुक्तिधाम की एक प्रक्रिया है रस्म है रिवाज है जो हमें बतलाता है की अच्छे कर्म करना चाहिये ताकि जाने के वाद लोग तारीफ करें /मगर वहां तो कोई शव्द ही नहीं मिल रहे थे और बोलना था ज़रूरी अच्छाई के दो शब्द /स्वर्गवासी नम्बर एक का गुंडा ,बदमाश ,चोर ,जेबकट ,लडोक ,दुराचारी ,अत्याचारी और जितने भी चारी होते हैं वे सब ,अब क्या करें कहना है अच्छा /अंतत:एक सज्जन उठे ,बोले स्वर्गबासी अपने तीनो भाईयों के तुलना में अच्छा था /

संदेश :- हम आम तौर पर जिस घर में गमी हो जाती है वहाँ जाते है =लेकिन जाकर बैठने के बाद ये उलझन रहती है की आए है तो कहना क्या है =नहीं कुछ कहना तो आए क्यों =मतलब हम मयत वाले घर कुछ कहने ही जाते है /लोग कहते है भइया शब्र रखो होनी को कौन टाल सकता है ,सबको मालूम है होनी टलती नहीं /अरे भइया ये क्षण भंगुर शरीर है ,आत्मा अमर है =उनको मालूम है आत्मा अमर है आप कोई नई बात नहीं कह रहे हैं =तुम्हारे यहाँ जब बो गमी में आए थे तब यही बात कह कर आए थे /कुछ लोग यह सावित करने की कोशिश में की स्वर्ग बासी से उनके इतने अच्छे सम्बन्ध थे की अपने घर वालों से भी न होंगे ,ऐसी बातें करेंगे उसके वारे में की बेचारे घरवाले सिसकने लगते हैं /कुछ लोग यहाँ से हँसते हुए गुठका मुह में दबाते हुए जायेंगे और घर नज़दीक आते ही रोने लग जायेंगे जैसे सबसे बड़े सगे यही थे /
जाओ /चुपचाप बैठ जाओ /वाच करो बेचारों ने कुछ खाया पीया है या नहीं ,चाय वगेरा भी पी है या नहीं ,किसी चीज पैसे आदि की आवश्यकता तो महसूस नहीं हो रहीं है ,अपने घर से यहाँ कोई चीज़ भिजवाना आवश्यक तो नहीं है ऐसा कोई काम तो नहीं है जो आपके लायक है /जायेंगे आत्मा की अमरता वातायेंगे ,झूंठी हमदर्दी वातायेंगे और फ़िर सालों उस मोहल्ले में से ही नहीं निकलेंगे

3 comments:

प्रदीप मानोरिया said...

बहुतसत्य मुद्दा सहज शब्दों में परोस दिया आपने तो गज़ब है आपका चिंतन
This post has been removed by the author.
इसका मतलब है की जिसने कमेन्ट दिया उसने या तो कमेन्ट मिटा दिया या बदल दिया
कल नई पोस्ट लिखूंगा संभवता: सौरभ गांगुली के संन्यास पर
कृपया पधारें

प्रदीप मानोरिया said...

सुंदर आलेख रोचक जानकारी आपके मेरे ब्लॉग पर पधार कर उत्साह वर्धन के लिए धन्यबाद. पुन: नई रचना ब्लॉग पर हाज़िर आपके मार्ग दर्शन के लिए कृपया पधारे और मार्गदर्शन दें

Vinay said...

विजयदशमी के पावन अवसर पर ढेरों शुभकामनाएँ!