जोक :-अत्यन्त ही उत्तम स्वास्थ्य की धनी ,खाते पीते घर की ,मंथर गति , गले में सोने की चैन ,एक हाथ में पर्स दूसरे में मोबाईल जून का महीना दोपहर का समय -सूनी सडक /लगा कोई पीछे है ,कनखियों से देख कर सतर्क , और आगे चलने पर पुन सिंहाबलोकन, मोबाईल पर्स में ,पर्स कसके पकड़ लिए -/ हालांकि पीछे बच्चा छोटा ही था/ थोड़े और आगे चलने पर पीछे मुड़कर =""क्यों वे पर्स छीनने का इरादा है क्या ?"" -""अम्मा मै तो तेरे पीछे पीछे तेरी छावं में चल रहा हूँ "" चल छैयां छैयां छैयां छैयां /
संदेश :- आज के युग में हर व्यक्ति से सावधान और सतर्क रहना चाहिए चाहे वह छोटा बच्चा ही क्यों न हो /नलों का जाल नहीं था हेंड पम्प खुदे नहीं थे /जमींदार का गहरा कुआ /मैंने गगरा धोया 'बाल्टी रस्सी में बांधी और कुए में डाली ,भरने पर खींचना ही चाहता था कि एक बच्चा मेरा गगरा उठा कर भाग गया / अब में पड़ा मुश्किल में -रस्सी छोडूं तो बाल्टी सहित कुए में -और पानी खींच कर फिर तलाशूँ तो बच्चा न जाने कहाँ पहुचे /दस दिशाएँ -वहाँ कौन मुझे बताता कि "" लै दच्छिन दिसि गयउ गोसाईं ""
दूसरी बात ये जीवन एक कर्मभूमि है ,युद्ध भूमि है यहाँ के आघात झेलने के लिए एक ढाल की जिन्दगी में जरूरत पड़ती ही है एक छत्रछाया चाहिए -ज्योतिष का गणित इस मामले में सही बैठ जाता है - शुक्र की महा दशा ,पंडित ने कहा इस साल आपके पिताजी लड़का बोला सर उन्हें तो पाँच साल हो गए / तो फिर तुम्हारा बड़ा भाई मर जायेगा /सर मै ही तो घर में सबसे बड़ा हूँ - तो फिर साले इस साल तेरा छाता जरूर खो जायेगा / तो ढाल मजबूत होना चाहिए /गिरधर कवि हुए उन्होंने कहा छाव की जरूरत हो तो मोटा पेड़ तलाशना चाहिए "" कह गिरधर कवि राय ,छावं मोटे की गहिये /पात सबै झर जाएँ तऊ छायाँ में रहिये /यहाँ मोटे पेड़ से मतलब संपन्न ,रसूख ,दबदबा ,ऊपर तक पहुँच सब शामिल है /
Saturday, October 25, 2008
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42 comments:
वाह, वाह! आप एक मोटे, बड़ी बड़ी टिप्पणी ठेलक ब्लॉगर तरु हों तो आपकी छाया में समय काट लूं! :-)
बहुत ही सुन्दर
आपको दीपावली की हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनाये !
वाह श्रीवास्तव जी बहुत बढिया हैरान दोहे पढने पधारें
सुखमय अरु समृद्ध हो जीवन स्वर्णिम प्रकाश से भरा रहे
दीपावली का पर्व है पावन अविरल सुख सरिता सदा बहे
दीपावली की अनंत बधाइयां
प्रदीप मानोरिया
वाह ! बहुत बढ़िया !
बहुत अच्छा है...... बधाई,
आपको, परिवार सहित दीपावली की शुभकामनायें......
अति सुंदर!! दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें
गज़ब का कौशल है आपके लेखन में.
Tanaav aur pareshaniyon se bhari is zindagi me aapka blog taaza hawa ke jhonke ke saman hai. Badhai.
guptasandhya.blogspot.com
great post yaar
Shyari is here plz visit karna ji
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sriwastav ji , behad sundar tareeke se aap kaam ki baat bata te hain .
shukriya ...
बृजमोहन भाई, नमस्कार!
आप के द्वारा की गई टिप्पणी का भी जवाब नही. आप लिखते बहुत बढ़िया हैं. आप के अगले पोस्ट / टिपण्णी का इंतज़ार रहेगा.
धन्यवाद!
...Ravi Srivastava
from- www.meripatrika.co.cc
""अम्मा मै तो तेरे पीछे पीछे तेरी छावं में चल रहा हूँ "" चल छैयां छैयां छैयां छैयां /
ek to chyawaad upar se aisa haasya alankaran...
maza aa gayaa..
जोक द्वारा संदेश देने की आपकी पद्धति वाकई प्रशंसनीय है।... मनोरंजन के साथ साथ शिक्षा का भी प्रावधान है.....मेरे ब्लोग पर उपस्थिति के लिए औए मेरा मनोबल बढाने के लिए धन्यवाद।
danyabaad
अरे बिरज जी आज ही आपके ब्लॉग पर आया मैं................आप तो बड़े अलग टाइप की चीज़ निकले जी.....पहले ही क्यूँ नहीं बताया जी...देर हो गई ना.... खैर अब आया करूंगा...अलग टाइप का कुछ पढने के लिए.....!!!
आपका चिंतन बेहद सटीक है बहुत सुंदर ..
sriwastav ji , shukriya .
renu main hi hoon or vimal mere pati hain .
likha mene hi hai .
just superb.....
प्रभावी लेखन
मजाक मजाक में कितना कठोर सत्य कह जाते हों श्रीवास्तव जी इस लेखन का
कोई सानी नहीं
First of all Wish u Very Happy New Year...
Achchhi rachana..
Bdhai..
sahi hai bhidu..
lage rahiye..
..
joke ke baad sandesh dena...pahli baar dekha..
क्या बात है...
जोक और सन्देश दोनों ही लाजवाब हैं...
सचमुच में बहुत ही प्रभावशाली लेखन है... वाह…!!! वाकई आपने बहुत अच्छा लिखा है। बहुत सुन्दरता पूर्ण ढंग से भावनाओं का सजीव चित्रण... आशा है आपकी कलम इसी तरह चलती रहेगी और हमें अच्छी -अच्छी रचनाएं पढ़ने को मिलेंगे, बधाई स्वीकारें।
आप के द्वारा दी गई प्रतिक्रियाएं मेरा मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन करती हैं। आप मेरे ब्लॉग पर आये और एक उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया दिया…. शुक्रिया.
आशा है आप इसी तरह सदैव स्नेह बनाएं रखेगें….
आप के अमूल्य सुझावों का 'मेरी पत्रिका' में स्वागत है...
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…Ravi Srivastava
wah shaandar lekh .
दूसरी बात ये जीवन एक कर्मभूमि है ,युद्ध भूमि है यहाँ के आघात झेलने के लिए एक ढाल की जिन्दगी में जरूरत पड़ती ही है एक छत्रछाया चाहिए -ज्योतिष का गणित इस मामले में सही बैठ जाता है,kuchh baate man ko chhu gayi sundar rachna
प्रभावशाली लेखन !वाह!! वाकई आपने अच्छा लिखा है।
bahut khoob, majedaar.
बृजमोहन जी,
बड़ा ही गूढ़ ग्राह्य ब्लॉग रचा है आपने और सोने पे सुहागा यह है की नामकरण भी '' शारदा ''
निःसंदेह विषय भी उतना ही लज्जत भरा है / थोड़े समय की दरकार पड़ेगी अन्य पोस्टो को खंगालने में जो की जरूर मिलेगी /
पोस्ट पढ़कर आनंद आया / थैंक्स /
GOOD JOKE.........chal chhaiya chhaiya chaiya chaiya...........!!!
baathibaat me kitanisachchi baat kah di hai aapne ek sadesh deta lekh. bahut hi achha laga.
acha likha hai aapne...
u hi likhte rahiye ga...
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!वाह!! बहुत ही सुन्दर
दीपावली व नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये
आप सब को सपरिवार दीपावली मंगलमय एवं शुभ हो!
हम आप सब के मानसिक -शारीरिक स्वास्थ्य की खुशहाली की कामना करते हैं.
जोक्स तो बहुत लोग लिखते और सुनाते हैं...मंचों पर भी मेरे तमाम साथी कवि (विशेष रूप से हास्य-व्यंग्य वाले) इधर-उधर से उठाए हुए न जाने कितने ही चुट्कुले सुनाते रहे हैं...मैं सुनता-देखता आया हूँ। लेकिन आपका अंदाज़ निराला है...सच्ची कहता हूँ कि आपके घर आकर बहुत अच्छा लगा...!
चलो देर आये दुरुस्त आये काम की बात पल्ले पड गयी--- आपकी छाया मे कुछ तो मिला। शुभकामनायें।
bahut achchhe joke aur sandesh adbhut laga aapka blog.thodi sakriyata aur badhayen aap bahut kam likhte hain isi karan aapke blog se main abhi taq anjan rahi aur ye ham jaise bloggars ke liye bahut hanikarak bat hai.
अच्छी सीख .
ha..ha... gagri wala kissa badhiyaa lagaa !!!akhir bachche ko kaise pakade!!! dusraa sunaa hua tha!!
मुझे क्षमा करे की मैं आपके ब्लॉग पे नहीं आ सका क्यों की मैं कुछ आपने कामों मैं इतना वयस्थ था की आपको मैं आपना वक्त नहीं दे पाया
आज फिर मैंने आपके लेख और आपके कलम की स्याही को देखा और पढ़ा अति उत्तम और अति सुन्दर जिसे बया करना मेरे शब्दों के सागर में शब्द ही नहीं है
पर लगता है आप भी मेरी तरह मेरे ब्लॉग पे नहीं आये जिस की मुझे अति निराशा हुई है
बहुत सुन्दर...दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
लेखन बहुत रुचिकर है.
दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभ-कामनायें !
वाह जी बल्ले बल्ले. इतने मतलब !
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